परिचय

श्री वर्धमान जैन बोर्डिंग हाऊस (छात्रावास) - परिचय

एक समय था जब इस (सुमेरपुर) क्षेत्र में एक मात्र हाईस्कूल था | आस पास के अनेकों गावों में रहने वाले विद्यार्थियों को विद्याध्ययन के लिए सुमेरपुर आना पड़ता था। उन दिनों विद्यार्थियों के रहने की बडी समस्या थी। इस समस्या के समाधान हेतु लगभग 75 वर्ष हुए जैन बंधुओं ने आपसी सहयोग से छात्रावास का निर्माण कराया ताकि जैन विद्यार्थी यहाँ रह कर अध्ययन कर सके। परिणाम यह हुआ कि बहुत बडी संख्या में विद्यार्थी यहाँ रह कर जैनाचार के हिसाब से अपने जीवन का पालन कर हाईस्कूल की पढाई भी करते थे। यहां से अध्ययन कर गए अनेक छात्रों ने व्यापार के क्षेत्र में नाम कमाया तो कई छात्र शिक्षा प्राप्त कर उच्च पदों पर आसीन हुए जिनके मानस पटल पर आज भी छात्रावास के जीवन की स्मृतियाँ तरोताजा है।

उद्देश्य :

सुमेरपुर - शिवगंज समृद्ध व्यापारी नगर, स्वास्थ्यकर जलवायु, उपजाऊ भूमि, जवाई नदी के मनोरम तट, दो व्यापार मंड़ियों की उपस्थिति से खान-पान सामग्री सम्बन्धी अधिकाधिक सुविधाओं को मद्दे नजर रखते हुए सर्व प्रथम पावा निवासी शाह ताराचन्द्रजी मेघराजजी के मस्तिष्क में विचार आया कि क्यों नहीं यहाँ (सुमेरपुर) जैन छात्रालय की स्थापना की जाए ताकि आस पास पडौस के गावों से विद्यार्थी यहां रहकर विद्याध्ययन कर सके। अंत मे आपने मास्टर भीखमचन्द्रजी एंव समाज के प्रतिष्ठितजनों की सहायता से विक्रम संवत 1991 मिगसर कृ्ष्णा पंचमी को श्री वर्धमान जैन बोर्डिंग हाऊस के नाम से छात्रालय शुभ मुहुर्त में स्थापित किया आज तक इस छात्रालय की छत्र छाया में रहकर चरित्र, स्वास्थ्य, अनुशासन का पाठ पढकर सेकडों छात्र व्यवहारिक एवं धार्मिक विद्या प्राप्त कर उच्च पदों पर आसीन हुए तो अनेकों ने व्यापार के क्षेत्र में नाम कमाया ।


महत्व व उपयोगिता:

श्री वर्धमान जैन बोर्डिंग हाउस का अत्यधिक महत्व रहा है जिसे निम्न बिंदुओं के आधार पर समझा जा सकता है।.